नमस्ते
आज अक्षय त्रित्या के इस पवित्र पावन दिन मे इस ब्लॉग की शुरुआत कर रहा हूँ. यह सब मेने पहले कभी सोचा नहीं था बस अभी दो दिन पहले एक विचार आया - फिर क्या था? एक शुभ शुरुआत की देर थी. और अक्षय त्रित्या से शुभ भला क्या होता? अक्षय का मतलब ही है जो मिटाया न जा सके. कहा जाता है कि इस दिन किये गए हमारे सभी शुभ और अशुभ कर्म कभी मिटते नहीं हैं.
हाँ इस ब्लॉग का क्या नाम होना चाहिए था यह थोडा मुश्किल काम था. थोड़ी हाँ और ना के बाद मैने यही ठीक समझा कि नाम भी बिल्कुल सिम्पल सा होना चाहिए जैसा कि मै खुद हूँ.
सच में मै खुद को सिम्पल ही मानता हूँ. ऐसे कम ही लोगों से मै मिला हूँ जिन्हें मै सही मायने में सिम्पल सोबर मानता हूँ. एक जिक्र मै करना चाहूँगा - भाई सुभाष नागर का. आप जितने पढ़े लिखे हैं उतने ही नम्र हैं, जितने आप महान हैं उतने ही सिम्पल भी हैं. खैर इनके बारे में फिर किसी दिन जरूर लिखूंगा - आज मेरा दिन है.
मैने इस ब्लॉग का नाम "जैसा मै हूँ" इसलिए रखा क्योंकि मै उन विचारों को बोल, लिख या शेयर नहीं कर सकता जिनसे मै सहमत ना होऊं और जो ओरिजिनली मेरे नहीं हैं. लेकिन वीर गुर्जर बिरादरी जो कि खुद एक मिसाल है, इसके बारे में आप सभी के बहुमूल्य विचार और जानकारियों का इस ब्लॉग में हमेशा स्वागत है और रहेगा. हमारे आपस में जुड़ने से ही हमारा समाज जुड़ेगा.
आज मै इस ब्लॉग को हमारी वीर गुर्जर बिरादरी को समर्पित करता हूँ.
मै खुशकिस्मत हूँ और मुझे इस बात पर गर्व है कि मेरा जन्म एक गुर्जर परिवार में हुआ. मै अपने माता पिता का शुक्रगुजार हूँ, धन्यवाद करता हूँ कि उन्होंने मुझे शिक्षा और संस्कार दिए. मै कोशिश करूँगा कि अगली पीढी तक यह शिक्षा और संस्कार ले जा सकूँ. इस शिक्षा के सूत्रधार असलियत में मेरे दादा स्व. चौ. हुकुम सिंह बोसट्टा हैं जिन्होंने अपने सभी बच्चों को अच्छी तालीम दी. मेरे पिता स्व. डाक्टर पी.एस.वर्मा ने भारत सरकार की ३२ साल प्रथम श्रेंणी राजपत्रित अधिकारी रह कर सेवा की.
इसी परम्परा को मेरे बड़े भाई श्री राजकुमार बोसट्टा ने आगे बढ़ाया. अपनी स्नातक शिक्षा पूरी करने के बाद भाई साहब ने सेन्ट्रल पुलिस ओर्ग्नेजेष्ण की परीक्षा पास की और २४ साल की उम्र में आपने भी प्रथम श्रेंणी राजपत्रित अधिकारी बनने का गोरव प्राप्त किया.
लेकिन मै इस परम्परा को आगे नहीं बढ़ा सका. मुझे सच में अफ़सोस होता है की मै अपने माता पिता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सका. शायद यही मेरी किस्मत थी और मै किस्मत में भी यकीन करता हूँ!!
gud job sir
ReplyDeletebhai aap himt mt haro hm aap k sath h,,hm sb milkr is prmpra ko
ReplyDeleteaage le jayege ,,,,,gurjar smaj ko aap jasse bhaiyo ki jrurt h