सैकिंड लेफ्टिनेंट भरत सिंह कसाना जी का जन्म 5 अगस्त 1949 को श्री खड़क सिंह कसाना जी के घर गाँव जावली, जिला गाजियाबाद (उ.प्र.) में हुआ। आपका कमीशन 14 मार्च 1971 को हुआ और आपको 4 दिसंबर 1971 के दिन पुरस्कृत किया गया।
सैकिंड लेफ्टिनेंट भरत सिंह कसाना डोगरा रेजिमेंट की एक प्लाटून के कमान्डर थे, जिन्हें पूर्वी क्षेत्र के मदुरबेरे पर अधिकार करना था। अत्याधिक आधुनिक मशीनों की धुंआधार गोलाबारी के कारण उनकी प्लाटून आगे बढ़ने से रुक गयी। सैकिंड लेफ्टिनेंट भरत सिंह कसाना जी ने अपनी प्लाटून को एकत्रित किया और स्वचालित हथियारों और तोपों की गोलाबारी के मध्य से गुजरते हुए दुश्मन के खंदकों पर आक्रमण किया।
इस दौरान पैर में गोली लगने से घायल होने पर भी उन्होंने आक्रमण जारी रखा। गोलियों से उनका सिर भी छलनी हो गया था, लेकिन तब तक वे दुश्मनों की खंदकों पर अधिकार कर चुके थे।
इस कार्य में सैकिंड लेफ्टिनेंट भरत सिंह कसाना जी ने अद्भुत वीरता, उच्च श्रेणी के नेतृत्व और दृढ निश्चय का परिचय दिया।
सौजन्य: गुर्जरों का सम्पूर्ण इतिहास। लेखक चौ. खुर्शीद भाटी जी ( page 411)
सैकिंड लेफ्टिनेंट भरत सिंह कसाना डोगरा रेजिमेंट की एक प्लाटून के कमान्डर थे, जिन्हें पूर्वी क्षेत्र के मदुरबेरे पर अधिकार करना था। अत्याधिक आधुनिक मशीनों की धुंआधार गोलाबारी के कारण उनकी प्लाटून आगे बढ़ने से रुक गयी। सैकिंड लेफ्टिनेंट भरत सिंह कसाना जी ने अपनी प्लाटून को एकत्रित किया और स्वचालित हथियारों और तोपों की गोलाबारी के मध्य से गुजरते हुए दुश्मन के खंदकों पर आक्रमण किया।
इस दौरान पैर में गोली लगने से घायल होने पर भी उन्होंने आक्रमण जारी रखा। गोलियों से उनका सिर भी छलनी हो गया था, लेकिन तब तक वे दुश्मनों की खंदकों पर अधिकार कर चुके थे।
इस कार्य में सैकिंड लेफ्टिनेंट भरत सिंह कसाना जी ने अद्भुत वीरता, उच्च श्रेणी के नेतृत्व और दृढ निश्चय का परिचय दिया।
सौजन्य: गुर्जरों का सम्पूर्ण इतिहास। लेखक चौ. खुर्शीद भाटी जी ( page 411)
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