अमर शहीद कैप्टन मदन पाल चौहान गाँव जसाला (दिसाला) तहसील बुढ़ाना जिला मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश चौहान गुर्जर परिवार के 27 वर्षीय युवक, शकरगढ़ के मोर्चे पर दुश्मन के 40 टैंक नष्ट करने के बाद आगे बढे तो पाकिस्तानी सेना के 4 टैंकों और विमान भेदी तोपों से खुद को बचा नहीं सके। इस हमले में विमान की खिड़की के सामने से गोली लगने के कारण 16 दिसंबर 1971 को शहीद होकर वीरगति को प्राप्त हुए।
अमर शहीद कैप्टन मदन पाल चौहान जी का जन्म 1944 में हुआ। आपके पिता श्री रहतू सिंह जी शिक्षा प्रेमी व्यक्ति थे। आगरा विश्वविद्यालय से आपने BSc. पास किया। 1963 में आर्टिलरी में सीधे सीनियर कमीशन प्राप्त कर सेकिण्ड लेफ्टिनेंट बने। 1968 में वायु सेना एयर ओ.पी. में आ गए। हौंसले और अरमान ऊँचे थे। 1970 में कैप्टन बने। सन 1971 में शकरगढ़ मोर्चे पर भारत पाक युद्ध में अपूर्व वीरता और शौर्य प्रदर्शित करते हुए डबल ड्यूटी हवाबाजी करके पाकिस्तान के 40 टैंक नष्ट करने का श्रेय प्राप्त करने के बाद 16 दिसंबर 1971 को वीर गति को प्राप्त हुए।
अमर शहीद कैप्टन मदन पाल चौहान को अपूर्व वीरता और शौर्य प्रदर्शित करने के उपलक्ष्य में राष्ट्रपति द्वारा वीर चक्र प्रदान किया गया और वायुसेना का एक्सग्रेसिया एवार्ड 42 हज़ार रुपये का दिया गया।
सौजन्य: गुर्जरों का सम्पूर्ण इतिहास, लेखक चौ. खुर्शीद भाटी जी (page 412)
अमर शहीद कैप्टन मदन पाल चौहान जी का जन्म 1944 में हुआ। आपके पिता श्री रहतू सिंह जी शिक्षा प्रेमी व्यक्ति थे। आगरा विश्वविद्यालय से आपने BSc. पास किया। 1963 में आर्टिलरी में सीधे सीनियर कमीशन प्राप्त कर सेकिण्ड लेफ्टिनेंट बने। 1968 में वायु सेना एयर ओ.पी. में आ गए। हौंसले और अरमान ऊँचे थे। 1970 में कैप्टन बने। सन 1971 में शकरगढ़ मोर्चे पर भारत पाक युद्ध में अपूर्व वीरता और शौर्य प्रदर्शित करते हुए डबल ड्यूटी हवाबाजी करके पाकिस्तान के 40 टैंक नष्ट करने का श्रेय प्राप्त करने के बाद 16 दिसंबर 1971 को वीर गति को प्राप्त हुए।
अमर शहीद कैप्टन मदन पाल चौहान को अपूर्व वीरता और शौर्य प्रदर्शित करने के उपलक्ष्य में राष्ट्रपति द्वारा वीर चक्र प्रदान किया गया और वायुसेना का एक्सग्रेसिया एवार्ड 42 हज़ार रुपये का दिया गया।
सौजन्य: गुर्जरों का सम्पूर्ण इतिहास, लेखक चौ. खुर्शीद भाटी जी (page 412)
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